Saturday 8 August 2015
बड़ा खुलासा, याकूब के जनाजे में दाऊद ने बुलाई थी इतनी भीड़
तो क्या 1993 के मुंबई बम धमाकों का आरोपी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में बैठकर हिंदुस्तान में अपनी खतरनाक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है? पुलिस के ताजा खुलासे तो इसी तरफ इशारा कर रहे हैं।
मुंबई पुलिस के सूत्रों के मुताबिक याकूब मेमन की फांसी के बाद दाउद ने फोन करके शहर में अपने खास लोगों से बड़ी तादाद में उसके जनाजे में शामिल होने को कहा था।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि हमारे पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि दाऊद और छोटा शकील ने मुंबई में मौजूद अपने साथियों को फोन करके जनाजे में शामिल होकर अपनी ताकत दिखाने को कहा था।
पुलिस का कहना है याकूब के जनाजे में इतनी बड़ी भीड़ इसीलिए जुटी क्योंकि खुद दाऊद और छोटा शकील ने लोगों को फोन करके बुलाया।
पुलिस के मुताबिक इनके बुलाने पर ही माहिम स्थित याकूब के घर पर जनाजे में 10 हजार और मरीन लाइन स्थित कब्रिस्तान में, जहां याकूब को दफनाया गया, वहां भी 10 हजार लोगों की भीड़ जुटी।
वहीं मुस्लिम समुदाय के नेताओं का कहना है कि जनाजे में इतनी भीड़ जुटने के पीछे असली वजह यह थी कि बहुत सारे लोगों को मालूम ही नहीं था कि याकूब मेमन कौन है और उसने किया क्या था, और लोग यही जानने के लिए जनाजे में शामिल हुए थे।
इस बीच, सूत्रों का कहना कि दाऊद और छोटा शकील ने शुरुआत में इसलिए कोई प्रतिक्रिया या धमकी नहीं दी, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट याकूब की दया याचिका स्वीकार कर लेगा।
दाऊद और शकील यह माने बैठे थे कि अगर उन्होंने अभी किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया दी तो इससे याकूब की दया याचिका पर विपरीत असर पड़ेगा और यह खारिज हो सकती है।
और यही कारण था कि जैसे ही याकूब को फांसी पर लटकाया गया, उसके तुरंत बाद छोटा शकील ने एक इंटरव्यू के जरिए परोक्ष रूप से भारत को परिणाम भुगतने की धमकी दे डाली।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक शकील की धमकी पूरे देश के लिए एक धमकी है और इस धमकी के बाद यह साबित हो गया है कि 1993 के बम धमाके उसी की करतूत थी।
मुंबई पुलिस के सूत्रों के मुताबिक याकूब मेमन की फांसी के बाद दाउद ने फोन करके शहर में अपने खास लोगों से बड़ी तादाद में उसके जनाजे में शामिल होने को कहा था।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि हमारे पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि दाऊद और छोटा शकील ने मुंबई में मौजूद अपने साथियों को फोन करके जनाजे में शामिल होकर अपनी ताकत दिखाने को कहा था।
पुलिस का कहना है याकूब के जनाजे में इतनी बड़ी भीड़ इसीलिए जुटी क्योंकि खुद दाऊद और छोटा शकील ने लोगों को फोन करके बुलाया।
पुलिस के मुताबिक इनके बुलाने पर ही माहिम स्थित याकूब के घर पर जनाजे में 10 हजार और मरीन लाइन स्थित कब्रिस्तान में, जहां याकूब को दफनाया गया, वहां भी 10 हजार लोगों की भीड़ जुटी।
वहीं मुस्लिम समुदाय के नेताओं का कहना है कि जनाजे में इतनी भीड़ जुटने के पीछे असली वजह यह थी कि बहुत सारे लोगों को मालूम ही नहीं था कि याकूब मेमन कौन है और उसने किया क्या था, और लोग यही जानने के लिए जनाजे में शामिल हुए थे।
इस बीच, सूत्रों का कहना कि दाऊद और छोटा शकील ने शुरुआत में इसलिए कोई प्रतिक्रिया या धमकी नहीं दी, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट याकूब की दया याचिका स्वीकार कर लेगा।
दाऊद और शकील यह माने बैठे थे कि अगर उन्होंने अभी किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया दी तो इससे याकूब की दया याचिका पर विपरीत असर पड़ेगा और यह खारिज हो सकती है।
और यही कारण था कि जैसे ही याकूब को फांसी पर लटकाया गया, उसके तुरंत बाद छोटा शकील ने एक इंटरव्यू के जरिए परोक्ष रूप से भारत को परिणाम भुगतने की धमकी दे डाली।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक शकील की धमकी पूरे देश के लिए एक धमकी है और इस धमकी के बाद यह साबित हो गया है कि 1993 के बम धमाके उसी की करतूत थी।
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